आदमी दफ़न हैं जिंदा, यहां दीवारों में।। अब तो बैचेन है "उल्लास" तेरी क्या ह आदमी दफ़न हैं जिंदा, यहां दीवारों में।। अब तो बैचेन है "उल्लास" ते...
जानती हूँ उसे अब कभी ना देख पाऊंगी उससे मिलने उसके पास इक दिन जरूर जाऊँगी। जानती हूँ उसे अब कभी ना देख पाऊंगी उससे मिलने उसके पास इक दिन जरूर जाऊँगी।
सारे हक तो छीन लिये हैं, दर्द मुझे गमगीन दिये हैं, चाहे कितना ही सता लो। मुझे तो सारे हक तो छीन लिये हैं, दर्द मुझे गमगीन दिये हैं, चाहे कितना ही सता लो।...
कोई साथ नहीं देता अपना हाथ नहीं देता। कोई साथ नहीं देता अपना हाथ नहीं देता।
जिंदगी में वह, अकेली महसूस कर रही है। जिंदगी में वह, अकेली महसूस कर रही है।
आज तुम्हारी भी बातें शीरीन सी लगती है। आज तुम्हारी भी बातें शीरीन सी लगती है।